5 Simple Statements About Shodashi Explained
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पद्माक्षी हेमवर्णा मुररिपुदयिता शेवधिः सम्पदां या
साहित्याम्भोजभृङ्गी कविकुलविनुता सात्त्विकीं वाग्विभूतिं
The reverence for Goddess Tripura Sundari is apparent in how her mythology intertwines While using the spiritual and social cloth, offering profound insights into the nature of existence and The trail to enlightenment.
हर्त्री स्वेनैव धाम्ना पुनरपि विलये कालरूपं दधाना
If the Devi (the Goddess) is worshipped in Shreecharka, it is said to get the best sort of worship with the goddess. You will discover sixty four Charkas that Lord Shiva gave to the human beings, in conjunction with various Mantras and Tantras. These got so that the human beings could focus on attaining spiritual Added benefits.
ईड्याभिर्नव-विद्रुम-च्छवि-समाभिख्याभिरङ्गी-कृतं
कैलाश पर्वत पर नाना रत्नों से शोभित कल्पवृक्ष के नीचे पुष्पों से शोभित, मुनि, गन्धर्व इत्यादि से सेवित, मणियों से मण्डित के मध्य सुखासन में बैठे जगदगुरु भगवान शिव जो चन्द्रमा के अर्ध भाग को शेखर के रूप में धारण किये, हाथ में त्रिशूल और डमरू लिये वृषभ वाहन, जटाधारी, कण्ठ में वासुकी नाथ को लपेटे हुए, शरीर में विभूति लगाये हुए देव नीलकण्ठ त्रिलोचन गजचर्म पहने हुए, शुद्ध स्फटिक के समान, हजारों सूर्यों के समान, गिरजा के अर्द्धांग भूषण, संसार के कारण विश्वरूपी शिव को अपने पूर्ण भक्ति भाव से साष्टांग प्रणाम करते हुए उनके पुत्र मयूर वाहन कार्तिकेय ने पूछा —
षट्पुण्डरीकनिलयां षडाननसुतामिमाम् ।
The Tale is often a cautionary tale of the power of wish as well as requirement to produce discrimination by means of meditation and subsequent more info the dharma, as we development within our spiritual path.
हन्तुं दानव-सङ्घमाहव भुवि स्वेच्छा समाकल्पितैः
यत्र श्रीत्रिपुर-मालिनी विजयते नित्यं निगर्भा स्तुता
यामेवानेकरूपां प्रतिदिनमवनौ संश्रयन्ते विधिज्ञाः
Immediately after falling, this Yoni about the Hill, it remodeled right into a stone for the advantage of individual however it is claimed that still secretion of blood prevails periodically just as if Goddess menstruates.
प्रासाद उत्सर्ग विधि – प्राण प्रतिष्ठा विधि